'समय' बहुत बलवान होता है 'समय' की शक्ति पहचानो !

Category: स्वास्थ्य Published: Sunday, 10 March 2019 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

        समय किसी को बना सकता है बिगाड़ सकता है बिल्कुल नष्ट कर सकता है !बिलकुल बचा सकता है !इसलिए समय से टकराना ठीक नहीं है क्योंकि समय के वेग को प्रयास सावधानी और संयम पूर्वक थोड़ा बहुत मोड़ा जा सकता है किंतु रोका नहीं जा सकता है !
      समय किसी को बहुत ऊपर उठा सकता है बहुत नीचे गिरा सकता है! समय किसी को किसी से मिला सकता है वही समय उससे अलग भी कर सकता है !जो समय किसी को रोगी बना देता है वही समय उसे रोग मुक्त और स्वस्थ भी कर सकता है !समय किसी को राजा बना देता है और समय ही किसी को भिखारी बना देता है !समय बहुत बलवान होता है इसलिए सबसे पहले  समय की ताकत को पहचानना चाहिए क्योंकि जब समय साथ छोड़ता है तब कोई दूसरा कोई मदद नहीं कर सकता है करेगा भी तो उससे अपने को लाभ नहीं हो पाता है और जब समय साथ देने लगता है तब कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है !
      तनाव भी तो समय के कारण ही बढ़ता है !हम जिस विषय में जब जैसा चाहते हैं यदि वैसा नहीं होता है तो हमें दुःख होता है किंतु यदि उससे विपरीत अर्थात उल्टा होने लगता है तो हमें तनाव होता है !किसी के जीवन में या प्रकृति में होता वैसा ही है जैसा समय होता है !इसलिए किसी का आने वाला समय कैसा होगा हमारे यहाँ इसका पूर्वानुमान लगाया जाता है

जिसके आधार पर किसी को भविष्य में होने वाले तनाव का पूर्वानुमान पहले ही लगा लिया जाता है !
    ये हम सभी लोग जानते हैं कि सभी समस्याओं की जड़ है 'समय' और सभी समस्याओं के समाधान का कारण भी है समय !कोई स्वस्थ व्यक्ति अचानक अस्वस्थ होने लगता है इसका कारण होता है उसका अपना समय !
     कोई पिता-पुत्र,भाई-भाई,भाई-बहन,पति-पत्नी,प्रेमी-प्रेमिका आदि आपस में एक दूसरे से बहुत प्रेम से रहते रहे हों और अचानक उन्हें एक दूसरे से अरुचि होने लगे,घृणा होने लगे, एक दूसरे पर शक होने लगे,एक दूसरे से लड़ने झगड़ने लगें !पति-पत्नी में बात तनाव तलाक तक पहुँच जाए!इसका मतलब होता है कि उन दोनों में से किसी एक का या फिर उन दोनों का ही समय खराब आ गया है इसलिए उनके मन में इस प्रकार के एक दूसरे के विरोधी बिचार आने लगे हैं !ऐसी परिस्थिति में वे एक दूसरे को दोषी मानकर एक दूसरे की गलतियाँ गिनाने लगते हैं और संबंध बिगाड़ लेते हैं !ऐसी परिस्थिति में घबड़ाहट में संबंध बिगाड़ने की अपेक्षा गंभीरता एवं सहनशीलता बनाकर अच्छे समय का इंतजार करना चाहिए !जैसे अच्छे समय के बाद बुरा समय आया है वैसे ही बुरा समय बीतने के बाद अच्छा समय भी आएगा इस विश्वास संबंध नहीं बिगड़ने देना चाहिए अच्छा समय आते ही फिर सारी शिकायत शिकवा दूर होकर एक दूसरे से संबंध मधुर हो जाते हैं !सच्चाई यही है कि ये लोग गलत नहीं होते अपितु उनका समय ही ख़राब चलने लगा होता है !
     इसी प्रकार से व्यापार में कुछ लोग जीरो से हीरो बन जाते हैं तो कुछ लोग हीरो से जीरो होते भी देखे जाते हैं !जिसका जैसा समय उसे वैसे परिणाम मिलते देखे जा रहे हैं !कई बार किसी व्यापारी को अचानक नुक्सान होने लगता है !जबकि उसका व्यापार वही पहले वाला होता है कार्यशैली वही परिश्रम भी उतना ही इसके बाद भी अचानक नुकसान होने का कारण व्यापारी के अपने बुरे समय के अलावा और दूसरा क्या हो सकता है !ऐसे ही और भी बहुत सारे हानि-लाभ उस व्यापारी के अपने समय के कारण होते हैं !
    समय के बिगड़ने से बड़े बड़े राजा महाराजा सेठ साहूकार आदि नष्ट होते देखे जाते हैं !कुलमिलाकर 'समय' सबको बना बिगाड़ रहा है कोई समझे न समझे ये अलग बात है !वस्तुतः जाने अनजाने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया करता है सबका अपना अपना समय !                                               
    शिक्षा के क्षेत्र में भी अलग अलग विषय होते हैं कौन बच्चा कब किस प्रकार के बिषय पढ़ने में सफलता प्राप्त कर सकता है यह उसका समय तय करता है !शिक्षा भी 'समय' से मिलती है किसी बच्चे का जब जैसा समय होता है उस समय उसी प्रकार के विषय पढ़ने की रूचि होती है और उसी प्रकार के विषय पढ़ने में सफलता मिलती है !कुछ लोगों के पास शिक्षा के अच्छे साधन न होने के बाद भी लगातार सफल होते चले जाते हैं तो कुछ लोगों के पास शिक्षा के लिए बहुत अच्छे संसाधन होते हैं इसके बाद भी वे लगातार असफल होते जाते हैं !इसीलिए कहा जाता है कि सफलता या असफलता सबको अपने अपने समय के कारण मिलती है !
     राजनीति में जिसका जैसा समय उसे वैसी सफलता या असफलता मिलते देखी जाती है किसी का समय हमेंशा एक जैसा नहीं रहता है !इसीलिए तो कभी जो चुनाव जीतता है वही व्यक्ति चुनाव हारता भी तो है ऐसा उसके समय बदलते रहने के कारण ही तो होता है!यदि गुण बुद्धि अनुभव प्रयास आदि से चुनाव जीतना संभव होता तो कोई एक व्यक्ति हर बार चुनाव जीतता रहता क्योंकि उसके गुण विशेषता आदि तो उसके पास हमेंशा एक जैसे ही रहते हैं फिर कभी सफलता और कभी असफलता क्यों?इसका सीधा कारण उन सबका अपना अपना अच्छा और बुरा समय होता है !उसके अनुसार ही उन्हें परिणाम मिला करता है !
     जिन  लड़के लड़कियों को आपस में एक दूसरे से विवाह करना होता है वे आपस में एक दूसरे से मिलकर बात करके उनके स्वास्थ्य चाल चरित्र के विषय में अच्छे ढंग से पता करके उनकी धन संपत्ति शिक्षा योग्यता पद प्रतिष्ठा आदि का अंदाजा लगाकर सबकुछ ठीक लगने पर ही विवाह करते हैं !इसके बाद यदि दोनों में विवाद तनाव या तलाक होता है इसका कारण उन दोनों का अपना अपना बदला हुआ 'समय' होता है क्योंकि जिस समय में विवाह किया था वो समय बाद में नहीं रहा  इसीलिए ऐसी परिस्थिति पैदा हुई !बाकी चीजें तो हमेंशा एक जैसी ही बनी रहती हैं बदलता तो केवल समय है उस समय 'मिलाने' वाला समय चल रहा था इसलिए उन दोनों का विवाह हो गया था अब उन दोनों के अलग होने का समय आ गया है इसलिए उन दोनों में तनाव तलाक आदि घटनाएँ घटित हो रही हैं !
     समय के कारण रोग होते हैं समय के कारण बढ़ता है तनाव !डेंगू जैसे रोग भी समय के कारण ही होते हैं !मच्छरों के कारण होते तो गाँवों में जंगलों में जहाँ सबसे अधिक मच्छर होते हैं और उन्हीं के बीच में रहना उन सबकी मजबूरी होती है !ऐसी परिस्थिति में वहाँ रहने वाले उन सबको डेंगू हो जाता किंतु सबको तो नहीं होता वहाँ के कुछ लोगों को होता है वहीँ महानगरों में साधन संपन्न कुछ लोगों को भी हो  जाते हैं डेंगू जैसे समय से होने वाले रोग !मच्छरों की जिनसे मुलाक़ात ही नहीं होती है उन्हें भी डेंगू होते देखा जाता है !
      चिकित्सा के साधन न होने के कारण लोगों की मृत्यु यदि गाँवों में किसानों एवं जंगलों में आदिवासियों की होती है तो उसी अनुपात में मृत्यु तो शहरों में भी होते देखी जाती है जहाँ चिकित्सा के सभी साधन उपलब्ध होते हैं जन्म के समय के अनुसार ही अपने अपने समय पर मृत्यु तो सभी की हो रही है!जिनके पास चिकित्सा के सभी साधन उपलब्ध हैं अमर तो वे भी नहीं होते हैं !इसका मतलब है मृत्यु का कारण रोग और चिकित्सा का आभाव नहीं अपितु सबका अपना अपना समय है !जब जिसकी मृत्यु का समय आ जाता है तब उसकी मृत्यु हो जाती है उस समय उसके साथ जो घटना घटित हो रही होती है जो रोग होता है जो खाया पिया होता है आदि वही उसकी मृत्यु का कारण मान लिया जाता है !वस्तुतः ऐसा है नहीं सच्चाई तो ये है कि मृत्यु का सीधा संबंध सबके अपने अपने समय से होता है !
      इसी प्रकार से वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिकघटनाएँ भी समय के कारण ही घटित होती हैं !जब गर्मी होने का समय होता है तब गर्मी हो रही होती है और जब सर्दी होने का समय होता है तब सर्दी होती है इसी प्रकार से जब वर्षा होने का समय होता है तब वर्षा हो रही होती है !समय के आधीन सभी ऋतुएँ हैं !एक समय जहाँ वर्षा न होने के कारण सूखा पड़ा होता है वहीँ दूसरे समय में वर्षा और बाढ़ होते देखी  जाती है !जहाँ कभी बिल्कुल हवा नहीं चल रही होती है वहीँ दूसरे समय में भीषण आँधी तूफ़ान घटित होते देखा जाता है !ऐसी सभी घटनाओं में बाकी सभी कुछ तो एक जैसा ही बना रहता है केवल समय बदला करता है !इस प्रकार से जब जैसा समय तब तैसी घटनाएँ घटते देखी जाती हैं!प्रकृति भी समय के ही आधीन है !
     कुल मिलाकर प्रकृति से लेकर जीवन तक सबकुछ समय के अनुसार ही बदलता जा रहा है!सब जगह सभी घटनाएँ समय के अनुसार ही घटित हो रही हैं इसलिए हमारे यहाँ समय-विज्ञान के द्वारा लगाया जा सकता है सभी प्रकार की घटनाओं का पूर्वानुमान !जिससे जाना जा सकता है कि भविष्य में किसके साथ क्या घटित होने जा रहा है !



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