काँग्रेस फिर कभी सत्ता में आएगी क्या और आएगी तो कैसे ?

Category: संबंध
Published: Sunday, 04 September 2022
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee


            काँग्रेस के पतन और भाजपा के उत्थान का एक कारण यह भी है !

राहुल और प्रियंका जी काँग्रेस को उठाने के लिए इतना परिश्रम करते हैं फिर भी कांग्रेस है कि उठने का नाम ही नहीं ले रही है | आखिर कारण क्या है ?
राहुलगाँधी के नाम का पहला अक्षर 'र' है | 'र' अक्षर वाले किसी व्यक्ति को कोई भी राजनैतिक दल अपना नेतृत्व सौंप कर देख ले यही हाल होगा | बशर्ते पार्टी में क्या होगा क्या नहीं यह निर्णय लेने का अधिकार उसी र अक्षर वाले व्यक्ति के हाथ में हो | अर्थात वही सर्वे सर्व हो !
    नरेंद्र मोदी जी को भारत की केंद्रीय राजनीति में जितना लाभ उनकी अपनी योग्यता कार्यक्षमता कर्मठता एक जुटता रणनीति आदि का मिला है उससे ज्यादा सहयोग काँग्रेस का मिला है जिसका नेतृत्व 'र' अक्षर वाले राहुल गाँधी को सौंप दिया गया | जिससे काँग्रेस का पतन होता गया और

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हिंदी के अक्षरों में बहुत बड़ा विज्ञान छिपा है !

Category: संबंध
Published: Friday, 17 September 2021
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

    
      हिंदी विज्ञान के द्वारा वैवाहिक जीवन समेत सभी प्रकार के परिवारों की कलह को समाप्त किया जा सकता है |संस्थाओं संगठनों राजनैतिक दलों सरकारों आदि मेंबढ़े मत भेदों को समाप्त किया जा सकता है _पढ़ें या पूरा लेख -

 

https://drsnvajpayee.com/PDF/RachnaUtsav.pdf

राहुलगाँधी और काँग्रेस के राजनैतिक भविष्य के विषय में शास्त्रीय पूर्वानुमान !

Category: संबंध
Published: Monday, 24 August 2020
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

                   राहुल और प्रियंका नाम के पहले अक्षर का इतना बड़ा प्रभाव !

      काँग्रेस की सबसे बड़ी समस्या न भाजपा है और न ही राहुल प्रियंका हैं ये लोग परिश्रम भी बहुत अधिक कर रहे हैं किंतु उसका लाभ काँग्रेस को न मिल पाने का कारण क्या है | कुछ लोगों को लगता है कि प्रियंका गाँधी कमान सँभालेंगी तो काँग्रेस तरक्की कर जाएगी किंतु शास्त्रीय सच्चाई यह है कि प्रियंका जी चाहकर भी कोई चमत्कार नहीं कर पाएँगी !इसका कारण राहुल और प्रियंका के नाम के पहले अक्षर हैं किंतु अब नाम तो बदले जा नहीं सकते इसलिए इसका एक और विकल्प है जिसे बताने के लिए मैंने काँग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से कई बार समय माँगा किंतु वहाँ से कोई

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आम आदमी पार्टी की पराजय के कारण हैं अरविंद केजरीवाल ?जानिए कैसे -

Category: Forcasting (Relationship)
Published: Thursday, 23 May 2019
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

       अरविंद केजरीवाल का आम आदमी पार्टी में कोई भविष्य नहीं है! चूँकि आमआदमीपार्टी के नाम का पहला अक्षर 'अ' है और अरविंद केजरीवाल के नाम का पहला अक्षर भी 'अ' है एक अक्षर वाले दो लोग एक दूसरे के साथ नहीं रह सकते और यदि रहें भी तो एक दूसरे के लिए हितकारी नहीं हो सकते हैं !यही कारण है कि आमआदमी पार्टी में जितने अ  अक्षर वाले नेता लोग थे उनमें से अधिकाँश नेता लोग एक एक करके पार्टी छोड़कर चले गए-
    - आशुतोष ,अजीत झा,  अलकालांबा, आशीष खेतान,अंजलीदमानियाँ ,आनंद जी,आतिशी आदर्शशास्त्री,असीम अहमद इसी प्रकार से अजेश,अवतार ,अजय,अखिलेश,अनिलवाजपेयी ,अमान उल्लाह खान  आदि 'अ' से प्रारम्भ नाम वालेलोग हैं इनमें से अधिकाँश लोग आम आदमी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं जो बचे हैं वो भी जब तक पार्टी में रहेंगे तब तक आम आदमी पार्टी के लिए समस्या पैदा करते रहेंगे इसके बाद कभी भी पार्टी छोड़कर चल देंगे !आम आदमी पार्टी के लिए इसी श्रेणी में आते हैं अरविंद केजरीवाल !ये कब तक आम आदमी पार्टी में रहेंगे और जब तक रहेंगे तब तक पार्टी के लिए वे जो अच्छे कार्य भी करेंगे उनसे भी पार्टी के लिए समस्याएँ ही पैदा होती रहेंगी !अंततः एक दिन या तो वे स्वयं आम आदमी पार्टी छोड़कर चल देंगे या फिर आम आदमी पार्टी स्वयं उनके हाथ जोड़कर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देगी !इसकी भूमिका भी पार्टी में तैयार हो चुकी है जिसका कार्यान्वयन आगामी दिल्ली विधान सभा के चुनावों में संभावित भारी पराजय के बाद किया जाएगा !उसके बाद उनके अभिन्न सहयोगी सँभालेंगे इस पार्टी की कमान !जिसकी रूपरेखा अत्यंत प्रेमपूर्वक अरविन्द जी के शुभ चिंतकों ने तैयार कर ली है !  

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राहुलगाँधी जी को प्रधानमंत्री बनने या कॉँग्रेस अध्यक्ष पद सँभालने के लिए इसे अवश्य पढ़ना चाहिए

Category: संबंध
Published: Sunday, 19 May 2019
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

      आप इस लेख को अवश्य पढ़ें और जानें राहुलगाँधी और प्रियंकावाड्रा आखिर क्यों कभी नहीं बन सकते हैं प्रधानमंत्री !बड़ी बात यह है कि इसमें उनकी कोई गलती भी नहीं है काँग्रेस उन्हें यदि प्रधानमंत्री बनाना ही चाहती है तो उसे करने होंगे कुछ बड़े बदलाव !अन्यथा संपूर्ण काँग्रेस पार्टी ऐसे ही इस कमजोरी की सजा भोगते भोगते एक दिन समाप्त हो जाएगी !इसलिए इस कमजोरी को दूर करने के लिए हमारे सुझाव स्वीकार किए जाने चाहिए !अब आप स्वयं देखिए कि काँग्रेस की इतनी बुरी पराजय का वास्तविक कारण क्या है ?विस्तार से - -

    भगवान राम के नाम का पहला अक्षर चूँकि 'र' है इसी र अक्षर के कारण ही  श्री राम अपने बल पर कभी राजा नहीं बन सके थे जबकि वे दूसरों को राजा बनाते रहे किंतु खुद ... !भाई भरत ने अपना राज्य श्री राम को सौंपा तब वे राजा बन पाए !ऐसी परिस्थिति में 'र' अक्षर वाले राहुलगाँधी को अपना राज्य कोई क्यों सौंपेगा इसलिए वे अपने बल पर प्रधानमंत्री कैसे बन सकते हैं!चूँकि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता राहुल गाँधी हैं वे नहीं तो कौन ?इसलिए रिपीट होगी मोदी सरकार ! इसमें मोदी या भाजपा के लिए बहुत खुश होने जैसा कुछ भी नहीं है विपक्ष की जब तक ऐसी स्थिति रहेगी तब तक चुनावी परिणाम भी ऐसे ही होते रहेंगे !

     इसी प्रकार से र अक्षर वाले रावण को उनके भाई कुबेर का दिया हुआ राज्य मिला था !ऐसी परिस्थिति में अपने बल पर चुनाव लड़कर कोई र अक्षर वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री बन जाएगा इसकी कल्पना भी नहीं की सकती !इसका मतलब ये भी नहीं कि र अक्षर वाले लोग अयोग्य होते है !ये वस्तुतः योग्य और सम्मानित होते हैं ये किसी दूसरे को पढ़ा सकते हैं अच्छी शिक्षा एवं अच्छी सलाहकारिता के कारण ऐसे लोग अत्यंत सम्मान अर्जित करके राजगुरु या किसी दूसरे को राजा बनाने की क्षमता रखते हैं किंतु ऐसे लोग स्वयं की राजनैतिक प्रतिभा के बल पर स्वयं राजा नहीं बन सकते हैं !जानिए कैसे ?

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