'समय' बहुत बलवान होता है 'समय' की शक्ति पहचानो !
समय किसी को बना सकता है बिगाड़ सकता है बिल्कुल नष्ट कर सकता है !बिलकुल बचा सकता है !इसलिए समय से टकराना ठीक नहीं है क्योंकि समय के वेग को प्रयास सावधानी और संयम पूर्वक थोड़ा बहुत मोड़ा जा सकता है किंतु रोका नहीं जा सकता है !
समय किसी को बहुत ऊपर उठा सकता है बहुत नीचे गिरा सकता है! समय किसी को किसी से मिला सकता है वही समय उससे अलग भी कर सकता है !जो समय किसी को रोगी बना देता है वही समय उसे रोग मुक्त और स्वस्थ भी कर सकता है !समय किसी को राजा बना देता है और समय ही किसी को भिखारी बना देता है !समय बहुत बलवान होता है इसलिए सबसे पहले समय की ताकत को पहचानना चाहिए क्योंकि जब समय साथ छोड़ता है तब कोई दूसरा कोई मदद नहीं कर सकता है करेगा भी तो उससे अपने को लाभ नहीं हो पाता है और जब समय साथ देने लगता है तब कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है !
तनाव भी तो समय के कारण ही बढ़ता है !हम जिस विषय में जब जैसा चाहते हैं यदि वैसा नहीं होता है तो हमें दुःख होता है किंतु यदि उससे विपरीत अर्थात उल्टा होने लगता है तो हमें तनाव होता है !किसी के जीवन में या प्रकृति में होता वैसा ही है जैसा समय होता है !इसलिए किसी का आने वाला समय कैसा होगा हमारे यहाँ इसका पूर्वानुमान लगाया जाता है
रोग और मृत्यु का समय सबका निश्चित होता है केवल पूर्वानुमान लगाने में चूक जाते हैं लोग !
सभी समस्याओं की जड़ है 'समय' और सभी समस्याओं के समाधान का कारण भी है समय !अक्सर देखा जाता है कि कोई स्वस्थ व्यक्ति अचानक अस्वस्थ होने लगता है इसका कारण होता है उसका अपना बुरा समय !इसी प्रकार से कोई अस्वस्थ व्यक्ति बिना किसी प्रयास के स्वस्थ होने लगता है इसका कारण उसका अपना अच्छा समय होता है !समय बदलते ही उसके जीवन में परिस्थितियाँ बदलने लगती हैं !
सुदूर गाँवों में जंगलों में जहाँ चिकित्सा सुविधाएँ नहीं हैं वहाँ के लोग भी बुरे समय में अस्वस्थ होते हैं और अच्छे समय में स्वस्थ होते देखे जाते हैं !यदि ऐसा न होता तो संसाधनों के अभाव में भी उनमें से रोगी लोग स्वस्थ कैसे हो जाते हैं ! ऐसी जगहों पर बच्चों के टीका करण की समुचित व्यवस्था न होने पर भी उनके शरीर निरोग और बलिष्ठ देखे जाते हैं!
जो जन्मा है वो मरता अवश्य है जिस समय जन्म हुआ होता है उसकी मृत्यु कब होगी यह भी उसी समय में निश्चित हो जाता है !मृत्यु का समय आने पर उसकी मृत्यु होती ही है वो जंगलों में हो या शहरों में गरीब हो या रईस बहुत बड़े हॉस्पिटल में चिकित्सकों की सघन देख रेख में हो या जंगल में अकेला हो समय आने पर मृत्यु सभी जगहों पर होते देखी जाती है !जहाँ चिकित्सा के बहुत अच्छे साधन होते हैं मृत्यु का समय आने पर वहाँ भी लोग मरते हैं !यदि मृत्यु का कारण समय न होता तो बड़े हॉस्पिटलों में चिकित्सकों की सघन देख रेख मेंरहने वाले साधन संपन्न रोगियों को अमर होना चाहिए था किंतु ऐसा नहीं होता है इसलिए जन्म और मृत्यु का मुख्यकारण सबका अपना अपना समय होता है !
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विवाहपूर्वानुमान - समाज, सरकार एवं विज्ञान के लिए सबसे बड़ी चुनौती ! जानिए कैसे ?
विवाह करने से ज्यादा कठिन है उसे निभाना !इसकेलिए अवश्यपढ़ना चाहिए 'विवाहविज्ञान' !
जिस लड़की या लड़के के साथ जो विवाह किया जा रहा है वो चलेगा कितने दिन !प्रेम प्रसन्नता उत्साह पूर्वक उन दोनों के द्वारा कितने समय तक निभाया जा सकेगा !इसका पूर्वानुमान भी तो लगाया जाना चाहिए !
सरकार ने तो मौसमसंबंधी पूर्वानुमान करने के लिए एक मंत्रालय बना रखा है वैवाहिकजीवन संबंधी पूर्वानुमान के लिए कुछ नहीं !आखिर क्यों ?वैवाहिक जीवन की इतनी उपेक्षा क्यों ?क्या ये जरूरी नहीं होना चाहिए !आखिर जीवन बचेगा तो मौसम की आवश्यकता होगी यदि जीवन ही नहीं बचेगा तो मौसम पूर्वानुमान लगाने से भी उसका क्या लाभ !सरकार कितना भी विकास कर ले!विज्ञान कितनी भी तरक्की कर ले जीवन बचेगा तभी उसका सदुपयोग होगा !जीवन ही नहीं बचेगा तो क्या कर लेगा विकास और विज्ञान !
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विवाह विज्ञान : वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं के पूर्वानुमान !
वैवाहिक जीवन ((Marriage Life)में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान और उनके समाधान !
विवाह स्त्री पुरुषों के जीवन का बहुत बड़ा पर्व अर्थात त्यौहार है इसलिए वैवाहिक जीवन प्रसन्नता पूर्वक मनाने में ही इसका आनंद है !बहुत सारा धन खर्च करके, बहुत सारा सामान खरीदकर ,बड़े बड़े होटलों में पार्टी करके भी प्रसन्नता के बिना त्यौहार नहीं मनाया जा सकता !प्रसन्न रहकर तो धन के बिना भी गरीब लोग बड़े उत्साह से त्यौहार मना लेते हैं !
इसीप्रकार से बहुत धन दौलत खर्च करके बहुत बड़ा दान दहेज़ ले देकर होटलों में बहुत बड़ी बड़ी पार्टियाँ करके लोग विवाह तो कर सकते हैं किंतु जीवन में प्रेम प्रसन्नता उत्साह नहीं रह पाया तो वैवाहिक जीवन (marriage life) किस काम का !
जिस विवाह को इतने उत्साह और प्रसन्नता से किया जाता है उस पर इतना अधिक धन खर्च किया जाता है वो कितने समय तक चल पाएगा !इस बात का पूर्वानुमान भी तो लगाया जाना चाहिए !वर्तमान समय में विवाह संबंधी संकट से बहुत लोग परेशान हैं!
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परिवारविज्ञान: परिवार के विषय में समय, नाम और स्थान का होता है बहुत महत्त्व !
किसी परिवार के सदस्यों का जब जैसा जैसा समय चल रहा होता है !उनके जो जो नाम होते हैं तथा वो परिवार जिस स्थान अर्थात घर में रह रहा होता है !उस परिवार के सदस्यों के आपसी संबंधों एवं सुख शांति पर इन तीनों बातों का बहुत बड़ा असर पड़ रहा होता है !
परिवार में आपसी सदस्यों में प्रेम हो यह आवश्यक है इसके लिए आवश्यक है कि घर का प्रत्येक सदस्य एक दूसरे के प्रति कपट न करे अच्छे विचार रखे खुद प्रसन्न रहे और दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करे !परिवार के सदस्यों के बीच आपस में जब प्रेम होगा एक दूसरे के प्रति विश्वास होगा तभी सुख शांति का वातावरण बन पाएगा !इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव एक दूसरे को पसंद आने लायक हो !
किसी का किसी के साथ अच्छा या बुरा संबंध उसके स्वभाव के अनुसार होता है प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव तीन बातों के अनुसार बनता या बिगड़ता रहता है पहली बात किसी के ऊपर जब जैसा समय चल रहा होता है तब तैसा स्वभाव बनता बिगड़ता रहता है !दूसरी बात जिस नाम का व्यक्ति जिस नाम के व्यक्ति से मिलता या बात व्यवहार करता है उसी के अनुसार उसका स्वभाव बनता या बिगड़ता रहता है!तीसरी बात जो व्यक्ति जिस स्थान पर रहता या काम करता है उस स्थान पर रहने या काम करने वाले लोगों के स्वभाव पर उस स्थान के अच्छे बुरे होने का भी असर पड़ता है !इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के संबंधों पर उसके समय का उसके नाम का और उस स्थान का बहुत बड़ा असर होता है !इन तीनों बातों के सामान्य हुए बिना किसी परिवार में सुख शांति की परिकल्पना नहीं की जा सकती है !
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